''मनुष्य की सोच क्या है''
[1]
प्रेम करते समय समझता है कि
सारी दुनियां भगवान् ने बनाई है।
[2]
पुण्य करते समय समझता है की भगवान् देख रहा !
पुण्य करते समय समझता है की भगवान् देख रहा !
[3]
पाप करते समय भूल जाता है की भगवान् नहीं देख रहा है !
[4]
प्रार्थना करते समय समझता है
की भगवान् सुन रहा है।
निंदा करते समय ये भूल जाता है
की भगवान् नहीं सुनेगा !
मनुष्य की सोच क्या है, सकारात्मक सोच की शक्ति, सकारात्मक सोच के लाभ, सकारात्मक का अर्थ क्या है,व्यक्ति की सोच, इंसान की अच्छी सोच, मनुष्य की सोच कैसी होनी चाहिए, इंसान की पहचान, अच्छे इंसान की पहचान!
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