धान खरीद के लिए पंजीकरण कैसे और कब तक करना होगा
धान खरीद के लिए पंजीकरण इस वर्ष ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है। पंजीकरण की प्रक्रिया और अवधि राज्य के अनुसार थोड़ी अलग हो सकती है, लेकिन आम तौर पर पंजीकरण की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:
- पंजीकरण किसानों को अपने नजदीकी क्रय केंद्र, जन सेवा केंद्र, या साइबर कैफे से कराना होता है। साथ ही कई राज्य ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल ऐप के जरिए भी पंजीकरण की सुविधा देते हैं। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में www.fcs.up.gov.in वेबसाइट और UP KISAN MITRA ऐप से पंजीकरण होता है।
- पंजीकरण के लिए किसानों को अपना आधार नंबर, नाम, पता, खाता संख्या, खेसरा नंबर आदि विवरण भरने होते हैं। पंजीकरण फार्म में मोबाइल नंबर दर्ज करने पर ओटीपी भेजा जाता है, जिसे वेरीफाई करना आवश्यक होता है। इसके बाद पंजीकरण प्रपत्र का प्रिंट लेकर सत्यापन कराना पड़ता है।
- पंजीकरण न कराने वाले किसानों से सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की खरीद नहीं की जाएगी।
- इस वर्ष कई राज्यों में पंजीकरण की अंतिम तिथि सामान्यतः 31 अक्टूबर 2025 या 6 नवंबर 2025 तक बढ़ाई गई है। उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश में पंजीकरण की अंतिम तिथि 6 नवंबर तक बढ़ाई गई है।
- पंजीकरण का समय खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए अगस्त-सितंबर से शुरू होकर अक्टूबर-नवंबर तक चलता है, किसान इस दौरान पंजीकरण कर सकते हैं।
संक्षेप में:
धान खरीद के पंजीकरण के लिए किसान को अगस्त या सितंबर से जारी प्रक्रिया में शामिल होकर अक्टूबर अंत तक (कई राज्यों में 31 अक्टूबर या कुछ में 6 नवंबर तक) पंजीकरण करना होगा।
यह पंजीकरण ऑनलाइन या नजदीकी केंद्र पर जाकर किया जा सकता है, जिसमें मोबाइल नंबर से ओटीपी सत्यापन अनिवार्य है। बिना पंजीकरण धान की खरीद सरकारी केंद्रों पर नहीं होगी।
पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेज क्या हैं
धान खरीद के लिए पंजीकरण हेतु जरूरी दस्तावेज निम्नलिखित हैं:
- आधार कार्ड (Aadhaar Card)
- खसरा-खतौनी या भूमि रिकॉर्ड (Land Ownership Document)
- बैंक पासबुक या बैंक खाता विवरण (Bank Passbook or Account Details)
- समग्र आईडी (Samagra ID) यदि लागू हो
- मोबाइल नंबर (Mobile Number) जो आधार से लिंक हो
किसान को इन दस्तावेजों के साथ पंजीकरण केंद्र या ऑनलाइन पोर्टल पर अपनी जानकारी दर्ज करानी होती है। पंजीकरण के बाद मोबाइल नंबर पर ओटीपी आया जाता है, जिसे वेरीफाई करना जरूरी है।
इसके बाद पंजीकरण प्रपत्र का प्रिंट लेकर सत्यापन के लिए लेखपाल को देना होता है। दस्तावेजों की जांच और सत्यापन के बाद ही पंजीकरण पूरा माना जाता है और किसान सरकारी समर्थन मूल्य पर धान बेच सकता है।
संक्षेप में, पंजीकरण में आधार कार्ड, भूमि से संबंधित दस्तावेज, बैंक खाता विवरण, और मोबाइल नंबर अनिवार्य हैं।
पंजीकरण में खसरा खतौनी कैसे प्रस्तुत करें
धान खरीद के पंजीकरण में खसरा खतौनी प्रस्तुत करने का तरीका इस प्रकार है:
- पंजीकरण पोर्टल या फॉर्म में खसरा संख्या डालनी होती है, जो भूमि रिकॉर्ड (खतौनी) में होती है।
- सबसे पहले जिला, तहसील, और गांव चुनें।
- फिर उस गांव की खतौनी (खसरा संख्या) खोजें और उसे सेलेक्ट करें।
- खतौनी में जितने भी हिस्सेदार हैं उनके नाम दिखेंगे। पंजीकरण कर रहे किसान का नाम आधार कार्ड से मैच करता हुआ चुनें।
- फिर किसान की उस खतौनी में हिस्सेदारी (रकबा) हेक्टेयर या बीघा में भरनी होगी, जो खरीफ फसल की कटाई के अनुसार होती है।
- अन्य फसलें अगर खेत में हैं तो वे भी भर सकते हैं, अन्यथा छोड़ दें।
- भूमि विवरण जोड़ें पर क्लिक करें। यह आपकी भूमि पंजीकरण फॉर्म से जुड़ जाएगी।
- सभी खतौनी एक-एक कर जोड़ने के बाद आवेदन लॉक करें और मोबाइल पर आए OTP से वेरीफाई करें।
- फिर आवेदन का प्रिंट लेकर सत्यापन के लिए लेखपाल के पास ले जाएं।
इस प्रक्रिया से खसरा खतौनी की जमीन का विवरण सही ढंग से पंजीकरण में दर्ज होता है जिसे बाद में सरकारी केंद्रों पर धान खरीद के लिए उपयोग किया जाता है।

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