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13 दिसंबर, 2025

पीएम फसल बीमा योजना: किसानों के लिए बड़ी राहत

पीएम फसल बीमा योजना: किसानों के लिए बड़ी राहत


पीएम फसल बीमा योजना: किसानों के लिए बड़ी राहत


प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) देश के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है। इस योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, कीट-रोग, अतिवृष्टि, सूखा, ओलावृष्टि जैसी परिस्थितियों में फसलों को होने वाले नुकसान से किसानों को आर्थिक सुरक्षा देना है। सरकार की इस योजना के तहत किसान बहुत कम प्रीमियम देकर अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं और नुकसान की स्थिति में उन्हें मुआवजा मिलता है। हाल ही में सरकार ने किसानों को राहत देते हुए प्रीमियम जमा करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तय की है।


31 दिसंबर तक जमा कर सकते हैं प्रीमियम


पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसान 31 दिसंबर तक प्रीमियम जमा कर सकते हैं। जो किसान इस निर्धारित समयसीमा के भीतर प्रीमियम जमा कर देंगे, उनकी फसल बीमा योजना के अंतर्गत सुरक्षित मानी जाएगी। सरकार द्वारा बार-बार यह अपील की जाती है कि किसान अंतिम तारीख का इंतजार न करें और समय रहते बीमा प्रक्रिया पूरी कर लें। इससे किसी भी प्रकार की तकनीकी या दस्तावेज़ संबंधी समस्या से बचा जा सकता है और फसल को समय पर बीमा कवर मिल जाता है।


इन किसानों का बीमा खुद-ब-खुद होगा


इस योजना के तहत कुछ किसानों का बीमा स्वतः (ऑटो एनरोलमेंट) हो जाता है। ऐसे किसान जिन्होंने कृषि ऋण लिया हुआ है और जिनका लोन फसल आधारित ऋण की श्रेणी में आता है, उनका बीमा खुद-ब-खुद पीएम फसल बीमा योजना में शामिल कर लिया जाता है। इन किसानों के खाते से बैंक द्वारा तय प्रीमियम राशि स्वतः काट ली जाती है। हालांकि, किसानों को यह सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक या संबंधित विभाग से यह जरूर जांच लें कि उनका बीमा सही तरीके से हो रहा है या नहीं।


गैर-ऋणी किसानों के लिए जरूरी जानकारी


जो किसान कृषि ऋण नहीं लेते हैं, उन्हें स्वयं आवेदन करके पीएम फसल बीमा योजना का लाभ लेना होता है। गैर-ऋणी किसानों को निर्धारित प्रीमियम राशि जमा करनी होती है और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करने होते हैं। समय सीमा के भीतर आवेदन करने पर ही उनका बीमा मान्य माना जाता है। ऐसे किसानों के लिए यह बेहद जरूरी है कि वे अंतिम तारीख से पहले बीमा प्रक्रिया पूरी करें ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में उन्हें मुआवजा मिल सके।


कितना देना होता है प्रीमियम


पीएम फसल बीमा योजना में प्रीमियम दरें फसल के प्रकार पर निर्भर करती हैं।

खरीफ फसलों के लिए किसानों को केवल 2 प्रतिशत,

रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत,

और वाणिज्यिक या बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम देना होता है।

शेष प्रीमियम राशि केंद्र और राज्य सरकारें वहन करती हैं। कम प्रीमियम में अधिक सुरक्षा मिलने के कारण यह योजना किसानों के लिए बेहद लाभकारी मानी जाती है।


नुकसान होने पर कैसे मिलता है मुआवजा


यदि किसी प्राकृतिक आपदा या अन्य कारणों से फसल को नुकसान होता है, तो किसान को इसकी सूचना निर्धारित समय में संबंधित विभाग या बीमा कंपनी को देनी होती है। इसके बाद सर्वे किया जाता है और नुकसान का आकलन किया जाता है। आकलन पूरा होने के बाद पात्र किसानों को सीधे उनके बैंक खाते में मुआवजा राशि ट्रांसफर कर दी जाती है। इससे किसानों को दोबारा खेती शुरू करने में आर्थिक मदद मिलती है।


योजना से जुड़ने के फायदे


पीएम फसल बीमा योजना से जुड़ने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान को आर्थिक सुरक्षा मिलती है। फसल खराब होने की स्थिति में कर्ज का बोझ कम होता है और किसान मानसिक तनाव से भी बचता है। इसके अलावा यह योजना किसानों को जोखिम लेने और नई तकनीक अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित करती है। सरकार का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना से जुड़ें और अपनी मेहनत की फसल को सुरक्षित रखें।


किसानों के लिए जरूरी सलाह


किसानों को चाहिए कि वे 31 दिसंबर से पहले अपना प्रीमियम जमा करें और सभी जानकारी सही-सही भरें। बैंक से ऋण लेने वाले किसान यह जरूर जांच लें कि उनका बीमा स्वतः किया गया है या नहीं। किसी भी समस्या की स्थिति में कृषि विभाग, बैंक या संबंधित हेल्पलाइन से संपर्क करें। समय पर किया गया फसल बीमा किसानों के लिए भविष्य की अनिश्चितताओं से लड़ने का मजबूत सहारा बन सकता है।

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