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16 December, 2019

अपने mind से negativity को कैसे दूर करे



अपने mind से negativity को कैसे दूर करे - 

दोस्तों हमारे मन में बहुत सारी negativity आती रहती है जैसे मानलीजिए एक लड़का है जो public में बोलने से डरता है।

 उसको stage पर खड़ा कर दिया जाता है बोलने के लिए और वह अच्छा perform नहीं कर पता है, और लोग उसका मज़ाक उड़ाते है। 
उसके दोस्त भी उससे  कहते है छोड़ ना यार ये तेरे बस की कि बात नहीं है। इससे वो धीरे धीरे यह महसूस करने लगता है की वो public speaking नहीं कर सकता है। 

और इस वजह से वो इस negativity से निकलने की कभी कोशिश भी नहीं करता है। 

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एक student जो किसी subject में कमजोर है उसके teacher और parents बार बार उसको बोलते है कि तू इस subject में कमजोर है,दुसरो से यह बात बार बार सुनने और ये सोचने से उसकी habit बन जाती है। 

कि  वो इस subject में हमेशा कमजोर ही रहेगा जिसकी वजह से  उस subject में मेहनत भी नही करता है.वह सोचता है मैं तो इस subject में तो कमजोर हुही तो मेहनत करने से क्या फायदा।

 ये example है negative situationsसे निकलने की कोशिश न करना क्योकि आप अपने आसपास के लोगो से ये सीख चुके है कि आप ऐसा नहीं कर सकते। आप इसको समझने के लिए इस छोटी सी कहानी को  पढ़िए तब  आपको समझ में आएगा की ऐसा कैसे हमारे साथ होता है। 

मानलीजिए दो dogs है जिन्हें अलग अलग जगह बंद कर दिया जता है। पहले dog को electric short दिए जाते है और भागने के लिए रास्ता भी खुला छोड़ दिया जाता है, जिससे वह dog भागने की कोशिश करता है और कामियाब भी हो जाता है। 

इसी तरह दूसरे dog को भी electric short दिए जाते  है और भागने का रास्ता नहीं दिया जाता है वह dog भागने की कोशिश तो करता है लेकिन भाग नहीं पाता और कुछ समय बाद हार मानकर बैठ जाता है और electric short को झेलता रहता है।

अब इन्ही dogs को दूसरी जगह बंद कर दिया जाता है और दोनों को भागने का रास्ता दिया जाता है पहला dog short से बचने का तरीका सिख लिया था जिस कारण तुरत short लगते ही वहा से भाग जाता है,जबकि दूसरा dog वही बैठकर short को झेलता रहता है, जब की वो नई जगह से भाग सकता था।

अगर हम  उस लड़के और उस स्टूडेंट को देखे तो पता चलता है की ज्यादातर इंसान भी इन helpless dog की तरह ही behave करते है। इसका मतलब है optimistic (आशावादी)और pessimist (निराशावादी).अपने mind से negativity को कैसे दूर करे 

optimistic(आशावादी) लोग ज्यादार negativity की तरफ कम ध्यान देते है --
                    
                    - उनकी health ज्यादा अच्छी होती है 
                    - वे ज्यादा ख़ुशी से अपनी जिंदगी जीते है ,  

pessimist(निराशावादी)लोग negativity की तरफ ज्यादा ध्यान देते है --

                    -जल्दी हार मान लेते है।
                    - दुखी होते है। 

आपका college का पहला दिन है -आप college जाते है और वहाँ के student आप की insert कर देते है, आप को पसंद नहीं करते है तो अगर आप निराशावादी है तो आप सोचोगे की ये तो होना ही था, ये तो permanent है मुझे तो जिंदगी में कोई पसंद ही नहीं करता है। 

लेकिन आप अगर आशावादी है तो आप सोचोगे की ये permanent  नहीं है, कुछ ऐसे भी लोग होंगे जो मुझे पसंद करेगे।

इसके अलावा मानलीजिए आप किसी idea पर काम कर रहे हैं लेकिन उसमे एक साल तक कोई progress नहीं हो रही है. 

अगर आप optimistic है तो आप कहेगे ये permanent नहीं है ये idea बहुत अच्छा है. मुझे और मेहनत करना चाहिए। 

आप इस तरह सोचेगे  लेकिन अगर आप pessimist है तो आप इसका उल्टा सोचेगे। ये idea अच्छा नहीं है, मुझे इसे बंद कर देना चाहिए।

दोस्तों optimistic एक ऐसी चीज जिसे सीखी जा सकता है, तो अब इसके लिए किया क्या किया जाये जिससे हमारे अंदर से negativity दूर हो जाये। इसे बदलने के लिए आप को positive लोगो के साथ रहना होगा आपको उनकी तरहसोचना होगा । 

अगर आपके   friends हमेशा sad  रहते है तो 100 % chances है कि आप भी कभी खुश नहीं रहोगे। आप जिन लोगो के साथ रहते हो आप उन लोगो के जैसा सोचना शुरु कर देते हो। negativity को दूर करने के लिए हमें एक mission बनाना चाहिए। 

सोचिये आप कितने optimistic होते अगर आप दुनिया के कामियाब लोगो के साथ होते। ये impossible लगता  है लेकिन ये possible है अच्छे लोगो की book पढकर उनके अच्छे विचार पढ़कर। 

जब आपके mind में great लोगो के thoughts आएंगे तो आप उन्ही की तरह सोचोगे। और आपके mind में negative बाते आएगी ही नहीं तो आप pessimist बन ही नहीं पाओगे।  

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Best Motivational story in Hindi- अपने mind से negativity को कैसे दूर करे 

आप  साम के समय घर जाते  हो  और देखते  हो  की आपके  घर में काफी लोग है और सभी लोग अच्छे कपडे पहने हुए है और आप सब को अच्छी तरह से जानते है। 

लेकिन उनमे एक आदमी ऐसा भी है  जिसकी उम्र 60 से 65 साल की है और उनके कपडे फटे हुए है  दिखने में भी अच्छा नहीं लगता है मानो की बीमार हो। आप उनके बीच में बाते करने के लिए बैठ जाते हो।


आप जब उस गरीब से दिखने वाले आदमी से पूछते हो की आप क्या करते हो तो वह आपको अपनी कहानी बताता है की  इस हालत का जिम्मेदार कोई और नहीं वो खुद है। जब वाह college  में था तब वह बड़े बड़े सपने देखता था।  कॉलेज ख़तम  होने के बाद जब उसने जॉब ज्वाइन की लेकिन वह सपने देखने बंद नहीं किया।  

सपने में वह खुद को बहुत बड़ा आदमी बनते हुए  देखता  था उसके पास ढेर सारा पैसा हो बगला हो गाडी हो वो साब कुछ हो जो एक आमिर आदमी को चाहिए।  


लेकिन इन सपनो को पूरा करने के लिए कोई भी एक कदम नहीं उठता था।  

बस वो रातो दिन अपनी नौकरी किये जा रहा था और सपने देखता था।  

अधिक से अधिक समय वो अपनी नौकरी को बचने के लिए तरकीबे सोचता रहता था।  

ऐसा ही करते करते उसने 18  से 20  साल तक दूसरे के यहाँ  नौकरी की लेकिन उसके बचत के नाम पर कुछ भी नहीं था। नौकरी में मिले सारे पैसे वो अपनी सौक पूरे करने में खर्च कर देता था।  

उसके पास उस टाइम पे Branded  कपडे , जूते , मोबाइल हुआ करते थे।  उसने उस Time के सारे पैसे पार्टी फिल्म देखने  और मौजमस्ती करके  उसने सारे पैसे महीने के अंत तक खर्च हो जाते थे। 


25 साल नौकरी करने के बाद अचानक किसी कारण की वजह से उसे नौकरी से निकाल  दिया गया।

अब उसके पास न तो कोई नौकरी थी और नही खर्च करने के लिए पैसे यहां तक की  पढ़ाई में interest ख़तम होने के कारन वो कुछ और भी नहीं कर सकता था अचानक से उसकी दुनिया बर्बाद हो गई।  

कुछ दिन तक वह अपने दोस्तों के यहां रहा लेकिन  दोस्तों ने भी एक एक करने उसे छोड़ दिया।  

अब उसके पास घर जाने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं बचा था।  घर जा कर वो अपने घर वालो पर बोझ बन गाय कई साल ऐसे ही गुजर जानेके बाद जब उसकी उम्र 45 साल की हो गई तो अब कम्पनी से भी interview के लिए CALL आना बंद हो गया।  

उसके पास पैसे नहीं होते थे तो उसने पास के एक छोटे से स्कूल में एक टीचर बन कर बहुत काम तन्खाह पर बच्चो को पढ़ाने लगा उसके सभी सौक  ख़त्म हो  चुके थे उसके महीने में उतने पैसे मिलते थे की वो अपना और अपने परिवार का पेट भर सके और आज उसको वाहा पर काम करते हुए 15 साल हो  चुके है और आज उसकी  उम्र 65 साल की है यह कहते हुए उस बीमार आदमी ने अपनी बात को खतम किया। 


कहानी के अंत में मै आपको बता दू की वो बीमार आदमी कोई और नहीं तुम खुद हो। वो बीमार आदमी future से यह बात बताने के लिए आया है।  जब आप गौर करते हो तो देखते  हो अरे यह  तो मै  ही हू।इस कहानी के बाद आपकी प्रक्रिया क्या होगी। 

क्या आप अपने शौक पुरे करेंगे, क्या आप अपने सपने पुरे करना शुरु कर देंगे क्या आप कुछ ऐसा करेंगे की जिससे आपका future  बदल जाए।  

या इसके बाद भी कल से शुरु करेंगे या अभी time नहीं है मेरे पास पैसे नहीं है।  इस तरह के बहाने बनाने लगोगे। क्या अपना टारगेट निश्चित करेंगे और उसे पूरा करना शुरु कर देंगे।